NCERT के अनुसार “भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस, जिन्ना और माउंटबैटन जिम्मेदार”, नया मॉडल तैयार

भारत के इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम – 1947 का विभाजन – को लेकर अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने एक नया शैक्षिक मॉड्यूल जारी किया है। इस मॉड्यूल में पहली बार स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस, मुहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबैटन तीनों ही जिम्मेदार थे।

नया NCERT मॉड्यूल क्या कहता है?

NCERT के अनुसार भारत विभाजन की त्रासदी के पीछे तीन प्रमुख कारण रहे:

  1. मुहम्मद अली जिन्ना – जिन्होंने विभाजन की मांग उठाई।
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस – जिसने इस मांग को स्वीकार किया।
  3. लॉर्ड माउंटबेटन – जिन्होंने विभाजन लागू किया।

यह मॉड्यूल विशेष रूप से “Partition Horrors Remembrance Day” (विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस) के संदर्भ में तैयार किया गया है और इसे कक्षा 6 से 8 और 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग स्वरूप में प्रस्तुत किया जाएगा। हालांकि यह मुख्य पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा नहीं होगा, बल्कि पूरक शिक्षण सामग्री के रूप में उपयोग किया जाएगा।

इतिहासकारों की अलग-अलग राय

  • परंपरागत इतिहासकार जिन्ना और मुस्लिम लीग को मुख्य दोषी मानते रहे हैं।
  • कांग्रेस का तर्क रहा है कि विभाजन उनकी पसंद नहीं, बल्कि मजबूरी था ताकि देश गृहयुद्ध से बच सके।
  • कई विद्वान लॉर्ड माउंटबैटन की जल्दबाजी और ब्रिटिश “Divide and Rule” नीति को जिम्मेदार मानते हैं।
  • वहीं, पाकिस्तान की आधिकारिक नैरेटिव जिन्ना को “क़ायदे-आज़म” और विभाजन को “न्यायपूर्ण मुक्ति” बताती है।
  • वामपंथी इतिहासकार इसे केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक व औपनिवेशिक राजनीति का परिणाम मानते हैं।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

नए मॉड्यूल को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि यदि इसमें तथ्यों की कमी है तो इसे “जलाकर फेंक देना चाहिए”। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार इतिहास को राजनीतिक लाभ के लिए तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

विभाजन की विभीषिका

भारत-पाकिस्तान विभाजन केवल राजनीतिक समझौता नहीं था, बल्कि जनता के लिए अभूतपूर्व त्रासदी लेकर आया।

  • करीब 1.4 करोड़ लोग विस्थापित हुए
  • अनुमानित 10 से 20 लाख लोगों की मौत हुई।
  • लाखों महिलाएँ और बच्चे हिंसा व शोषण के शिकार बने।

NCERT के इस नए मॉड्यूल ने विभाजन की जिम्मेदारी को एक नए सिरे से परिभाषित कर दिया है। जहाँ पहले इतिहास लेखन में जिन्ना और ब्रिटिश साम्राज्य को ही दोषी ठहराया जाता था, अब कांग्रेस की भूमिका को भी सीधे तौर पर जिम्मेदार माना गया है।

इस नए बदलाव ने न सिर्फ शैक्षिक जगत में बहस छेड़ दी है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।

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